Inverter: देश में ज्यादातर हर घर में इन्वर्टर(Inverter) देखने मिल जायेंगे, इनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल गर्मी में होता है क्योकि पावर कट की समस्या भी इन्हीं दिनों में होती है। अब ऐसे में इन्वर्टर आपको 4-5 घंटे का पावर बैकअप आराम से देते हैं। लेकिन अक्सर देखने में आता है कि लोग इन्वर्टर का इस्तेमाल तो खूब करते हैं, एक बार लग जाए तो उसकी देखभाल जल्दी से करते नहीं है। अब ऐसे में यह लापरवाही आगे चलकर काफी खतरनाक साबित होती है जिसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते है। गर्मी में इन्वर्टर की सर्विस होना बहुत जरूरी है, और अगर ऐसा नहीं होता तो आगे चलकर आपके और आपके परिवार बेहद गंभीर और जानलेवा भी साबित हो सकता है, और इसमें ब्लास्ट होने तक की नौबत तक आ सकती है। अगर आप ठीक प्रकार से इसे इस्तेमाल किया जाए, तो Inverter सालों साल तक आपका साथ देगा। यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जोकि आपके Inverter को सालों-साल अच्छा बनाए रखेंगे।
ओवरलोड से बचें:
हर Inverter की अपनी लोडिंग कैपेसिटी होती है। लेकिन ज्यादातर मामलों में लोग जरूरत से ज्यादा home appliances यूज़ करते हैं जिसकी वजह से Inverter की बैटरी पर बुराअसर पड़ता है और धीरे-धीरे उसकी परफॉरमेंस डाउन होने लगती है। ऐसे में जरूरत के हिसाब से ही इन्वर्टर से ही पंखे और लाइट का इस्तेमाल करें। इससे बिजली की बचत भी होगी और इनवर्टर खराब भी नहीं होंगे।
वेंटिलेशन सबसे जरूरी:
अक्सर देखने में आता है कि लोग Inverter को घर के ऐसे कोने में लगा देने हैं जहां पर वो नज़र नहीं आता, साथ ही वहां पर वेंटिलेशन की भी काफी कमी होती है जिसकी वजह से लंबे समय तक उपयोग तथा दवाब के चलते इन्वर्टर गर्म हो जाता है और वेंटिलेशन की कमी इसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
ऐसे में Inverter को ऐसी जगह रखें जहां पर वेंटिलेशन ठीक हो। इस बात का भी ध्यान रखें कि हवा का बहाव सही होने के साथ यह भी जरूरी है कि जहां इन्वर्टर रखा है वह जगह बहुत ज्यादा गर्मी वाली न हो। वेंटिलेशन अगर सही रहेगा तो आपका Inverter जल्दी से आपको दुखी नहीं करेगा।
बैटरी का वॉटर लेवेल चेक करते रहें:
बैटरी, इनवर्टर का सबसे पार्ट होती है, उर अगर बैटरी सही है तो आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। ऐसे में बैटरी की जांच भी बेहद जरूरी है। हर दो महीने में बैटरी के वॉटर लेवेल (एसिड) की जांच जरूर करें। इस बात पर भी ध्यान दें कि जल स्तर अधिकतम और न्यूनतम जल सीमा के बीच बना रहे। बैटरी में हमेशा डिस्टिल्ड वॉटर डी डालें।
नल के पानी या बारिश के पानी का उपयोग न करें क्योंकि इसमें अतिरिक्त खनिज और अशुद्धियाँ होती हैं जो बैटरी के लाइफ और परफॉर्मेंस को प्रभावित करती हैं। याद रखें, अगर बैटरी में पानी की कमी दिखाई देती है तो इसे नजरअंदाज न करें तथा जल्दी से उसे रिफिल कर दे। पानी की कमी से बैटरी ड्राई होती है और इससे बैटरी में आग लगने का खतरा बना रहता है।
जंग से बचाएं बैटरी को:
बैटरी टर्मिनलों पर अक्सर सफ़ेद रंग का कार्बन जमा होने लगता है, और कई बार उस जगह आर जंग लगने लगती है। जिसकी वजह से टर्मिनल खराब होने लगते हैं। टर्मिनलों में जंग लगने से बैटरी से आने-जाने का करंट फ्लो कम हो जाता है। करंट के इस सीमित प्रवाह से बैटरी की चार्जिंग स्लो हो जाती है।
टर्मिनओं को सही करने के लिए संक्षारक एरिया में गर्म पानी और बेकिंग सोडा के घोल को डालें या सफाई के लिए टूथ ब्रश का उपयोग करें। इससे जंग चली जाएगी। याद रखें टर्मिनलों पर पेट्रोलियम जेली या वैसलीन न लगायें इससे बैटरी खराब हो सकती है।
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वायरिंग पर भी ध्यान दें:
इस बात पर भी ध्यान दें कि इन्वर्टर वायर ठीक हो, और ये ढीली न हो, क्योंकि ढीली वायरिंग शॉर्ट सर्किट का कारण बन सकती है और इससे तार या इन्वर्टर में आग लग सकती है। इसलिए थोड़े थोड़े समय बाद वायरिंग टाईट करवाते रहना चाहिए।
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