नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता संभालने के बाद भारत आने वाले अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ( Mike Pompeo ) आज सरकार के साथ भारत के 5G टेस्टिंग में हुवावे ( Huawei ) की भागीदारी पर चर्चा कर सकते हैं। बता दें अमरीका ने हाल में ही हुवावे के नेटवर्क के जरिए चीन की सुरक्षा निगरानी की चिंताओं के कारण भारत पर हुवावे के खिलाफ कार्यवाई के लिए दबाव बना रहा है।
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हाल ही में अमरीका ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर कोई भारतीय कंपनी हुवावे या उसके सब ब्रांड कंपनियों को अमरीका में बने पार्ट्स या प्रोडक्ट्स मुहैया कराती है तो उसके खिलाफ कार्यवाई की जा सकती है। बता दें भारत चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार है, जिसको देखते हुए हुवावे ने भारत में 5G टेस्टिंग के लिए अपनी इच्छा जाहिर की है। अब अमरिका की तरफ से हुवावे को ब्लैक लिस्ट करने के बाद गूगल ( Google ) ने कंपनी से अपने एंड्रॉयड लाइसेंस को वापस ले लिया है। दूसरी तरफ अमरीका की चिप मेकर कंपनी क्वालकॉम ने भी हुवावे के साथ मिलकर काम करने से मना कर दिया है।
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हुवावे को अमरीकी सरकार की तरफ से देश विरोधी नीतियों के कारण प्रतिबंध लगाया गया है। अब अमरीका भारत जैसे दूसरे देशों पर भी हुवावे पर प्रतिबंध लगाने पर दबाव बना रहा है। इसे देखते हुए चीन ने बृहस्पतिवार को भारत से अनुरोध करते हुए कहा है कि हुवावे के परिचालन को लेकर वह स्वतंत्र तौर पर फैसला करे। वहीं, हुवावे को लेकर भारत का फैलना लेना अब भी बाकी है कि वह इस चीनी कंपनी पर रोक लगाएगा या फिर 100 दिनों के अंदर शुरू होने वाले 5G टेस्टिंग में हिस्सा लेने देगा।
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