Guidelines for Social Media Influencers: देश में YouTube और अन्य दूसरे ऑनलाइन और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर लोग किसी प्रोडक्ट के रिव्यू देखकर खरीद लेते हैं लेकिन बाद में पता चलता है कि जो बातें बताई गई हैं वो सब खूबियां इसमें है ही नहीं, जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठ बोलकर विज्ञापन डालना महंगा पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स (Social Media Influencers) के साथ-साथ कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं।
इनके तहत अब प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट का प्रचार करने वाले हर एक सेलिब्रिटी या इन्फ्लुएंर को ये बताना होगा कि उन्होंने पैसा लेकर किसी प्रोडक्ट को इंडोर्स किया है। इसके अलावा ये भी बताना होगा कि इंडोर्समेंट के पीछे उनका फाइनेंशियल इंटरेस्ट शामिल है या नहीं। यह नया नियम शुक्रवार को ही लागू कर दिया गया।
लगेगा 50 लाख रुपये तक का जुर्माना
ग्राहकों के अधिकारों और हितों की रक्षा करने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Consumer Affairs Ministry) की ओर से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई है, जिसमें किसी प्रोडक्ट्स के सोशल मीडिया में प्रचार करने के नियमों के बारे में बताया गया है। अगर कोई इसका उल्लंघन करने पर उन्हें तगड़ा जुर्माना भरना पड़ेगा। मंत्रालय के अनुसार, अगर कोई गाइडलाइन का उल्लघन करता है तो उसपर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं, बार-बार उल्लघन करने पर 50 लाख रुपये तक का फाइन लगाया जा सकता है। साथ ही, 6 वर्ष तक प्रोडक्ट के प्रचार करने पर भी रोक लगाई जा सकती है।
सरकार की नई गाइडलाइन लाइव स्ट्रीमिंग पर भी लागू होगी। अगर कोई इन्फ्लुएंसर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कंपनी से पैसे लेने के बाद किसी प्रोडक्ट के बारे में अच्छा और बढ़ा-चढ़ाकर खूबियां बताते हैउन और गलत जानकारी देते हैं और यह भी नहीं बताते कि ये विज्ञापन है। तो फिर इसे अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस माना जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 2025 तक भारत का इन्फ्लुएंसर मार्केट 2800 करोड़ रुपये का हो सकता है।
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