अब से कुछ घंटों में कंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट (Budget 2022) पेश करेंगी। इस बजट से हर वर्ग के लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। इस ही बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा जा रहा है कि स्मार्टफोन्स और टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट को लेकर बड़ी घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा प्रोडक्ट्स पर लगने वाले टैक्स में भी बदलाव किया जा सकता है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 के बजट के लिए 5G एक बड़ा विषय हो सकता है। 5जी की लॉन्चिंग को लेकर बड़ा ऐलान किए जाने की उम्मीद है। कयास लगाएं जा रहे हैं कि इस नेटवर्क को मार्च के अंत में लॉन्च किया जा सकता है। हालांकि, सरकार की तरफ से अभी तक 5जी की लॉन्चिंग को लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
सरकार नए वित्तीय मानदंडों को लागू करने पर विचार कर सकती है ताकि 5जी नेटवर्क को लोगों के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाया जा सकें। स्मार्टफोन की कीमतें समान बनी रह सकती हैं। महंगे फोन पर लगने वाले टैक्स को कम किया जा सकता है।
इस बजट में चिप की कमी पर ध्यान दिया जा सकता है। सेमीकंडक्टर चिप्स की स्थिर आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए सरकार टैक्स में बदलाव कर सकती है, ताकि ज्यादा से ज्यादा स्मार्टफोन कंपनियां मेक इन इंडिया के तहत स्मार्टफोन का निर्माण करें। इससे बढ़ती बेरोजगारी को रोकने में भी मदद मिलेगी।
कोरोना वायरस के कारण वर्क फ्रॉम होम गैजेट्स जैसे टैबलेट और लैपटॉप की मांग तेजी से बढ़ी है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इन डिवाइसेज पर लगने वाले टैक्स को कम कर सकती है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इन डिवाइसेज को खरीद सकें। इसके अलावा Cryptocurrency को लेकर भी बड़ा ऐलान किया जा सकता है।
टेक इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने बजट 2022 को लेकर दिया बड़ा बयान :
नेटएप के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष पुनीत गुप्ता का बजट को लेकर कहना है कि केंद्रीय बजट को व्यवसायों के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बुद्धिमान स्वचालन, ब्लॉकचेन, संवर्धित / आभासी वास्तविकता आदि जैसी उभरती गहरी तकनीकों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए धन आवंटित करते हुए देखना बहुत अच्छा होगा। इससे देश के नागरिकों को बहुत फायदा होगा।
टीसीएल इंडिया के मार्केटिंग प्रमुख विजय कुमार मिक्कीलिनेनी का कहना है कि इंपोर्ट टैक्स में कमी एक ऐसी चीज है जिसकी हम उम्मीद कर रहे हैं, इससे हमें चीन, मैक्सिको, थाईलैंड और अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी। पिछले दो वर्षों में, पीएलआई योजनाओं ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश को गति प्रदान की है। हमें भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला परिदृश्य में एकीकृत करना होगा, यह हासिल करने के लिए कि टैक्स प्रतिस्पर्धी बाजारों के बराबर या उससे कम होना चाहिए।
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