Best Low Budget Cars In India: कोविड-19 महामारी के चलते अधिकतर लोग अपने व्हीकल से ही सफर करना पसंद कर रहे हैं। इसी के कारण पिछले 2 महीनों से ऑटो सेल्स में भी तेजी आई है। जिन लोगों के पास बजट की कमी है, और वो सेकंड हैंड कार खरीदना चाह रहे हैं तो उनके लिए अच्छी खबर है। सेकंड हैंड कार की बात करें तो इनका देश में बड़ा मार्केट है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे महानगरों के अतिरिक्त विभिन्न शहरों में छोटे-बड़े स्तर पर सेकंड हैंड कार का मार्केट है। हालांकि, दिल्ली के करोल बाग स्थित बाजार में आपको लग्जरी कारें कई गुना तक सस्ती मिल जाती हैं। यहां आप अपनी पसंद की कार 40 हजार रूपए तक देकर ले सकते हैं। शेष राशि का भुगतान लोन के द्वारा किया जा सकता है। लोन और गाडी के सभी कागजात डीलर द्वारा तैयार करवा दिए जाते हैं।
Second hand cars Price
दिल्ली के करोल बाग स्थित मार्केट में Used Car मारुति वैगनआर को सिर्फ 50 से 60 हजार रुपए के न्यूनतम मूल्य पर खरीद सकते हैं। हालांकि, इन कारों के मॉडल 10 साल तक पुराने हो सकते हैं। अगर इनकी ऑन रोड कीमत की बात करें तो ये करीब 5.50 लाख रुपए तक आती है। ऐसे में कम कीमत पर आप सेकंड हैंड कार आसानी से खरीद सकते हैं। करोल बाग का यह कार मार्केट जल बोर्ड के पास है। यहां पर मारुति से लेकर महिंद्रा, फोर्ड, हुंडई, वोक्सवैगन समेत कई ब्रांड की कारों के विकल्प मौजूद हैं।
दिखने में इन कार की कंडीशन बहुत अच्छी होती है। यानी इन पर किसी भी तरह का स्क्रैच या डेंट नहीं होता और ये चमचमाती हुई नजर आती हैं। कार का मॉडल जितना पुराना होगा, उतनी ही कम उसकी कीमत होगी।
दिल्ली में 15 साल पुरानी कार को चलाने की परमिशन नहीं होती है। ऐसे में लोग इतनी पुरानी कार बेहद सस्ते में बेच देते हैं। कई राज्यों में कार को 20 साल या उससे ज्यादा तक चलाने की परमिशन है। वहां के लोग इन्हे कम कीमतों में खरीद सकते हैं।
Used Car Loans Process
मार्केट डीलर के अनुसार, ग्राहक कार की कीमत का 75 प्रतिशत तक अमाउंट फाइनेंस कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें जरुरी डॉक्युमेंट्स देने होते हैं। कार के साथ उसका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी दिया जाता है। इस सर्टिफिकेट के आधार पर कार की लाइफ, इंजन, कलर जैसी जरूरी बातें जान सकते हैं।
सेकंड हैंड कार का फाइनेंस
सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी के लिए
6 महीने का बैंक स्टेटमेंट
2 साल का ITR या फॉर्म 16
3 महीनें की सैलरी स्लिप
आधार कार्ड, पैन कार्ड और 2 फोटो और एक सर्विस सर्टिफिकेट की कॉपी
व्यवसायी और अन्य के लिए भी ये ही डाक्यूमेंट्स मांगे जाते हैं। लेकिन इनमें सिर्फ 2 वर्ष का ITR और 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट जरुरी होता है।
फॉर्म-16 और ITR नही होने की स्थति में जमीन के कागजात की कॉपी और 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट होना जरुरी है। आधार कार्ड, पैन कार्ड, 2 फोटो और बिजली का बिल।
दिल्ली के अतिरिक्त अन्य बाजारों की बात करें तो सेकेंड हैंड कारों के लिए आपको बेंगलुरु में 15 फीसदी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। मुंबई और चेन्नई में कारों की स्थिति जल्दी खराब हो जाती है। दिल्ली के मुकाबले चंडीगढ़ में सेकंड हैंड कारों की कीमत ज्यादा है, क्योंकि यहां की कारें साफ सड़कों और हाइवे पर चलाई जाती हैं। मांग के लिहाज से दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल और डीजल कारों का अनुपात 55:45 है। बेंगलुरु में सबसे ज्यादा पेट्रोल कारें हैं। यहां यह अनुपात 65:35 है। चेन्नई में यह अनुपात 60:40 है।
आप जब भी सेकंड हैंड कार खरीदे तो उसकी कीमत को लेकर जरूर मोलभाव करें। आप जिस कार को खरीद रहे है उसके इंटीरियर और एक्सटीरियर की जरूर पड़ताल कर ले। इसके अलावा हो सके तो आप कार को कम से कम 50 किलोमीटर तक टेस्ट ड्राइव पर जरूर ले जाएं। इससे आपको कार के इंजन की सारी खामियां भी पता चल जाएगी।
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