08 नवंबर 2020

भारतीय शोधकर्ता ने बधिरों के लिए बनाई 'खास स्मार्टवॉच ऐप'

भारतीय मूल के शोधकर्ता ध्रुव जैन के नेतृत्व में वॉशिंगटन विश्वविद्यालय (University of Washington) के शोधकर्ताओं ने एक नई स्मार्टवॉच ऐप (Smartwatch App) विकसित की है जो बधिर उपयोगकर्ताओं (Deaf Users) को आसपास के तेज शोर और अचानक पैदा होने वाले हॉर्न के प्रति चेतावनी देने का काम करती है। 'साउंडवॉच' नाम की इस स्मार्टवॉच ऐप उपयोगकर्ता को उसके परिवेश के बारे में सूचनाएं प्राप्त करने के लिए आसान सुविधा उपलब्ध कराती है। यह ऐप फोन कॉल, स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियों, मौसमी अलर्ट या पैकेज डिलीवरी के बारे में उपयोगकर्ता को आगाह करने का काम करती है। जब भी स्मार्टवॉच में कोई ध्वनि उत्पन्न होती है जैसे सायरन, माइक्रोवेव की बीप या पक्षियों के चहकने की आवाज तो यह उपयोगकर्ता का ध्यान अपनी ओर खींचती है। साउंडवॉच इन आवाजों की पहचान कर उपयोगकर्ता को संबंधित ध्वनि के बारे में जानकारी भेजता है।

भारतीय ने बधिरों के लिए बनाई 'खास स्मार्टवॉच ऐप'

प्रमुख शोधकर्ता ध्रुव जैन का कहना है कि यह तकनीक लोगों को उन जरूरी ध्वनियों का अनुभव करने की सुविधा देती है जिन पर तुरंत रिएक्शन देना जरूरी होता है। जैन का कहना है कि यह तकननीक लोगों के ध्वनि संबंधी परेशानियों को दूर कर उन्हें लोगों के साथ ज्यादा घुलने-मिलने में मदद कर सकती है। दरअसल, बधिर और सुनने में परेशानी महसूस करने वाले यूजर को साउंडवॉच प्रकृति और आस-पास के परिवेश से तालमेल बिठाने और उन्हें करीब से सुनने में मदद करती है। टीम ने मूक-बधिरों और सुनने में दिक्कत महसूस करने वालों को ध्यान में रखकर इसका प्रोटोटाइप बनाया था। ताकि वे भी बिना ज्यादा प्रयास किए जान सकें कि उनके घरों के आसपास क्या चल रहा था।

भारतीय ने बधिरों के लिए बनाई 'खास स्मार्टवॉच ऐप'

कैसे काम करती है ऐप
साउंडवॉच में मुख्य रूप से दो हिस्से हैं। पहला हिस्सा या सिस्टम, जिसे होमसाउंड कहा जाता है, पूरे घर में बिखरी हुई माइक्रोसॉफ्ट सरफेस टैबलेट का उपयोग करता है जो एक तरह से डिवाइस के लिए इंटरकनेक्टेड डिस्प्ले नेटवर्क के रूप में कार्य करता है। प्रत्येक डिस्प्ले घर की फ्लोरिंग का जायजा लेकर उपयोगकर्ता को ध्वनि और उसके स्रोत के लिए सचेत करता है। दूसरा पार्ट में ये डिस्प्ले ध्वनि की तरंगों को भी दिखाते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को ध्वनि की पहचान करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं डिवाइस इन सभी ध्वनियों को अपने बैकअप में स्टोर भी करता है ताकि बार-बार डेटा एनालिसिस न करना पड़े। शोधकर्ताओं ने छह मूक-बधिर लोगों पर तीन सप्ताह तक इस तकनीक का परीक्षण किया।

भारतीय ने बधिरों के लिए बनाई 'खास स्मार्टवॉच ऐप'

साउंडवॉच उपयोगकर्ताओं को किसी भी जगह से ध्वनि अलर्ट भेज सकता है,उन जगहों पर भी जहां उनके स्मार्टफोन उनके आसपास नहीं हों। इस स्मार्टवॉच ऐप को हल्की से हल्की आवाज को पहचानकर ध्वनियों को वर्गीकृत करने और ज्यादा सटीक एवं स्पष्ट आवाज के लिए डिजाइन किया गया है। इससे यूजर का समय बचता है उसकी गोपनीयता भी बनी रहती है क्योंकि ध्वनियां केवल उपयोगकर्ता के अपने उपकरणों पर ही भेजी जाती हैं।



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