24 अक्तूबर 2020

रॉॅबिनहुड हैकर्स: चुराया हुआ पैसा गरीबों में बांट देते हैं ताकि दुनिया से अमीर-गरीब की खाई मिट जाए

अभी तक आपने ऐसे साइबर चोरों और हैकर्स के बारे सुना होगा जो हमारे बैंक खातों में सेंध लगाकर हमें कंगाल बना देते हैं, तो कुछ हमारे कम्प्यूटर सिस्टम और सोशल मीडिया अकाउंट्स में घुसकर हमारी गोपनीय जानकारी चुराकर उन्हें डार्क वेब और इंटरनेट पर वायरल कर देते हैं। बुलीइंग और ठगी करने वाने नाइजीरियाई गिरोह से पूरी दुनिया वाकिफ है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे हैकर गु्रप के बारे में बताने जा रहे हैं जो साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं के बीच 'रॉॅबिन हुड हैकर्स' के नाम से पहचाने जाते हैं। इन्हें यह नाम क्यों दिया गया है यह भी जान लीजिए। दरअसल, यह साइबरहैकिंग ग्रुप बड़ी कंपनियों और नामी अमीरों का करोड़ों डॉॅलर लूटकर जरूरतमंद लोगों में बांट देते हैं। हैकर्स के इस समूह से जब साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने पूछा कि वे ऐसा क्यों करते हैं तो उनका जवाब था कि वे दुनिया को एक बेहतर जगह बनाना चाहते हैं इसलिए वे गरीब-अमीर की इस खाई को पाटने के लिए इन दो चिर-समूहों के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए ऐसा करते हैं। उनके इस व्यवहार से साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं भी हैरान हैं।

रॉॅबिनहुड हैकर्स: चुराया हुआ पैसा गरीबों में बांट देते हैं ताकि दुनिया से अमीर-गरीब की खाई मिट जाए

बिटकॉइन में 10 हजार डॉॅलर दान किए
याहू न्यूज की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, डार्क वेब पर पोस्ट किए गए इस रहस्यमयी गिरोह ने बिटकॉइन के रूप में करीब 10 हजार डॉलर की रसीद दो चैरिटी को दी, जिसमें एक चिल्ड्रन इंटरनेशनल संस्था भी शामिल है। हालांकि, यह एक बड़ी धनराशि थी, लेकिन चिल्ड्रन इंटरनेशनल संस्था ने इस दान को स्वीकार करने से यह कहकर मना कर दिया कि वह चुराए हुए धन से संस्थाा नहीं चलाएंगे। सुरक्षा शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि ये हैकर अब भी कंपनियों से चुराए गए धन का उपयोग लोगों और सामाजिक संस्थाओं की मदद करने में कर रहे हैं।

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धनवान कंपनियों को ही बनाते निशाना
रॉबिन हुड हैकर्स केवल बड़ी कंपनियों को ही अपना निशाना बनाते हैं। बीबीसी न्यूज ने बताया कि ये डार्कसाइड हैकर्स, संगठनों के आईटी सिस्टम को हैक कर लेते हैं ताकि प्रबंधन को फिरौती देने के लिए मजबूर किया जा सके। हालांकि, हैकर्स ने 13 अक्टूबर को एक ब्लॉग पोस्ट भी बनाया है, जिसमें दावा किया गया है कि वे केवल बड़ी लाभदायक कंपनियों पर ही हमला करते हैं। ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने लिखा कि 'चलो अच्छा है, इसी बहाने इन कंपनियों का कुछ पैसा चैरिटी में काम आएंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि 'आप हमारे काम को कितना भी बुरा क्यों न समझें, हमें इस बात की बेहद खुशी है कि हम किसी की बदहाली दूर कर उसकी जिंदगी में खुशियां लाने का कारण बन रहे हैं।'

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चुराए पैसे से दो संस्थाओं को दिया दान
इन रहस्यमयी हैकरों ने अपना चुराया हुआ पैसा चिल्ड्रन इंटरनेशनल और द वाटर प्रोजेक्ट को दान कर दिया। हालांकि, चिल्ड्रन इंटरनेशनल ने कहा कि अगर यह दान किसी हैकर का दिया हुआ है तो संगठन का इसे रखने का कोई इरादा नहीं है। दूसरी ओर, द वाटर प्रोजेक्ट ने अभी तक प्राप्त धन के संबंध में कोई बयान नहीं दिया है। यह चैरिटी हैकर समूह उप-सहारा अफ्रीकी देशों में स्वच्छता को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए चुराया हुआ पैसा दान कर रहा है। साइबर-सुरक्षा कंपनी एम्सिसॉफ्ट के विश्लेषक ब्रेट कॉलो ने कहा कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि साइबर अपराधी दान क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शायद वे ऐसा करके अपने अपराधबोध को कम करना चाहते हों।

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