UPSC Prelims 2020: सर्वोच्च न्यायालय ने यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने की याचिका को आज खारिज कर दिया। परीक्षा 04 अक्टूबर, 2020 को आयोजित होने वाली है। न्यायालय द्वारा कहा गया कि आयोग परीक्षा के लिए जरूरी सभी नियमों का पालन करते हुए आवश्यक इंतजाम करे। यूपीएससी से कहा गया कि 'कफ-कोल्ड' पीड़ित उम्मीदवारों को अलग बैठाने की व्यवस्था करे ताकि अन्य उम्मीदवारों को इससे संक्रमण न हो सके। वहीं, संघ लोक सेवा आयोग ने उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई के दौरान अपने हलफनामा में जानकारी दी कि यदि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित की जाती है तो परीक्षा के आयोजन की तैयारियों पर हुए 50 करोड़ रुपये के व्यय का नुकसान हो सकता है।
सिविल सर्विसेस प्रिलिम्स एग्जाम को दो-तीन माह के लिए स्थगित किये जाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक सहायक कमांडेंट देबायन रॉय ने इंटर्वेशन एप्लीकेशन दी है। इसमें उन्होंने मांग की है कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों के कारण उन्हें अतिरिक्त कार्यभार संभालना पड़ा, जिसके कारण परीक्षा की उनकी तैयारी बाधित हुई है।
याचिक खारिज
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह उन अभ्यर्थियों को एक अवसर और प्रदान करने पर विचार करे जो कोविड महामारी की वजह से अपने अंतिम प्रयास में शामिल नहीं हो सकेंगे। पीठ ने सिविल सेवा की 2020 की परीक्षा को 2021 के साथ मिलाकर आयोजत करने पर विचार करने से इंकार कर दिया और कहा कि इसका प्रतिकूल असर होगा।
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