25 फ़रवरी 2020

पटवार भर्ती परीक्षा: ऐसे करें परीक्षा की तैयारी, गारंटेड होगा सिलेक्शन

rajasthan patwari recruitment: पटवार भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों के लिए समय बहुत कीमती है। समय के अनुसार ही पाठ्यक्रम में दिए गए विषयों का वर्गीकरण करें।

संधि: संधि के अंतर्गत नियमों के साथ ही वर्तनीगत शुद्धता का ध्यान रखना अत्यावश्यक है। संधि शब्दों का संधि विच्छेद तथा संधि विच्छेद से संधि शब्दों के निर्माण का ज्ञान अत्यावश्यक है। संधि के अंतर्गत संस्कृत व्याकरण के नियमों की अपेक्षा हिंदी व्याकरण के नियमों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उपसर्ग व प्रत्यय: उपसर्ग के बिंदु में उपसर्गों से शब्दों का निर्माण व उपसर्गयुक्त शब्दों में उपसर्ग व मूल शब्द को पृथक करने का ज्ञान आवश्यक है। प्रत्यय की इकाई में प्रत्यय के भेदों व उपभेदों का ज्ञान आवश्यक है। पारिभाषिक शब्दों, वाक्यांश के लिए एक शब्द, वाक्य शुद्धि, पर्यायवाची, विलोम शब्द तथा युग्म शब्दों को दिनचर्या में शामिल किया जाना हितकर होता है। पारिभाषिक शब्द, पर्यायवाची शब्द आदि बिंदुओ को परीक्षा तक के लिए टालने की प्रवृति से बचकर नियमित रूप से हर बिंदु से 50-50 शब्दों को याद किया जाना जरूरी है तथा साप्ताहिक व मासिक रूप से इनका दोहरान करने की प्रवृति विकसित करने का प्रयास करना चाहिए।

भूगोल: पटवार भर्ती परीक्षा में भूगोल विषय की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस परीक्षा में भूगोल दो स्तर पर पूछा जाएगा। भारत एवं राजस्थान। इन दोनों स्तर की बेहतरीन तैयारी आवश्यक है। चूंकि पाठ्यक्रम में भौगोलिक विशेषताएं है, इसलिए अभ्यर्थियों को भारत की अवस्थिति, विस्तार, भारत का भूगर्भिक विकास एवं भौतिक विभाजन, राजस्थान का भौतिक विभाजन, भारत एवं राजस्थान की मृदाएं, वनस्पति, खनिज संसाधन इत्यादि बिंदू एनसीइआरटी एवं राजस्थान बोर्ड या अन्य पुस्तकों से इसे दुबारा पढ़कर तत्पश्चात उन्हें समझकर, संक्षिप्त एवं सारगर्भित नोट्स बना लेने चाहिए, ताकि बार-बार दुहराव कर यहां बेहतर किया जा सके।

कम्प्यूटर विज्ञान: पटवार भर्ती प्रतियोगिता परीक्षाओं में कम्प्यूटर विज्ञान विषय से संबंधित प्रश्नों की तैयारी के लिए कम्प्यूटर का इतिहास, विशेषताएं, प्रकार, इनपुट/आउटपुट डिवाइस, मैमोरी, सीपीयू आदि बिंदुओं को सीबीएसइ तथा आरबीएसइ बोर्ड में प्रयुक्त पुस्तकों से नोट्स बनाकर समझने की आवश्यकता है। तथा सॉफ्टवेयर के मुख्य प्रकार जैसे सिस्टम सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर तथा सिस्टम यूटिलिटी सॉफ्टवेयर का भी स्तरीय किताबों से तुलनात्मक अध्ययन करने की अति आवश्यकता है। एमएस ऑफिस में एमएस वर्ड, एमएस एक्सएल, एमएस पॉवर पॉइंट आदि में उपस्थित प्रत्येक मिन्यू के मॉडल्स का प्रायोगिक अध्ययन करना चाहिए।

समसामयिकी: नियमित रूप से दैनिक समाचार पत्र का गहन अध्ययन, तदुपरांत मुख्य-मुख्य बिंदुओं को एक बुकलेट में नोट करने की आदत अभ्यर्थियो को बना लेनी चाहिए। साथ ही साथ राष्ट्रीय स्तर की घटनाओं की कोई मासिक पत्रिका का अध्ययन इस भाग को मजबूत कर देता है। अभ्यर्थियों को चाहिए कि वे परीक्षा से ठीक एक वर्ष पूर्व तक की समसामयिक घटनाएं जैसे-पुरस्कार, खेल, पुस्तके, चर्चित स्थान, घटनाएं, कानून तथा चर्चित मुद्दे इत्यादि पर नजर बनाए रखे।



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