इस बार के कुछ तकनीकी रुझान वाकई दिलचस्प थे। फोल्डेबल लैपटॉप लोगों में खासे लोकप्रिय रहे क्योंकि यह तकनीक OLED को मोडऩे और कहीं भी टिका सकने की सुविधा देता है। वहीं टीवी में अब खुद ही अपनी पिक्चर क्वालिटी को ठीक करने की क्षमता है। वहीं पौधों से बना नकली मांस (प्लांट बेस्ड) अब अमरीका से बाहर निकलकर अन्य देशों में जगह बनाने लगा है। इन सबके बीच 'आर्टिफिशियल ह्यूमंस' or ARTIFICIAL HUMAN'S यानि कृत्रिम मनुष्य अब एक हकीकत हैं जो हमारे आभासी अवतार जैसे हैं। इन 'ह्यूमनबोट्स' से हम असली व्यक्ति की तरह बातचीत कर सकते हैं। सुरक्षा उपकरण और तकनीक विकसित करने वाली कंपनियां हमारे डेटा के चुराए जाने का डर दिखकर भले ही अपने उत्पाद बेचने में कामयाब हो रही हों, लेकिन हकीकत यही है कि व्यापारी है जो रात-दिन हमारे गोपनीय डेटा पर गिद्ध दृष्टि भी गड़ाए रखती हैं। सीईएस 2020 के कुछ बेहद खास और विचित्र इन्वेंशन पर आइए डालते हैं एक नजर।
मानव जैसे रोबोट्स
हम भले ही अभी तक ह्यूमनॉइड रोबोट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के परिष्कृत 'शरीर या अवतार' बनाने में महारत हासिल नहीं कर पाए हों लेकिन सैमसंग की स्टार लैब्स डिवीजन का दावा है कि इसने 'आर्टिफिशियल ह्यूमन' यानि कृत्रिम मानव बना लिया है। लैब के वैज्ञानिकों ने इसे 'निऑन अवतार' नाम दिया है। निऑन एक कंप्यूटर-जनित एनीमेशन जैसा है जो किसी व्यक्ति की ही तरह दिखता है। जैसे किसी वीडियो गेम में दिखने वाले लोग। इसमें एलेक्सा की तरह बात करने का कौशल होता है। कंपनी का कहना है कि निऑन अवतार असली इंसान की तरह 'सहानुभूति' दिखा सकते हैं। इस प्रौद्योगिकी का उपयोग वे कंपनियां कर सकती हैं जो कंप्यूटराइज्ड संस्करणों के साथ अपने ग्राहक सेवा को बेहतर करना चाहते हैं। कंपनी का कहना है कि निऑन अवतारों का उपयोग आभासी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं, द्वारपाल, टेलीविजन एंकर या फिल्म सितारे के रूप में भी किया जा सकता है।
भावुक रोबोट भी
GOOGLE, APPLE और AMAZON की बात कर सकने वाली वॉयस असिस्टेंट तकनीक की बदौलत हम अपने प्रश्नों के स्पष्ट उत्तर पा सकते हैं। लेकिन अब सिर्फ एक तरफा बात नहीं होगी। टोक्यो स्थित युकाई इंजीनियरिंग ऐसा रोबोट लाया है जो आपके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ता है। यह हमारे साथ सहानुभूति प्रदर्शित कर सकता है। कंपनी ने इसे 'बोक्को इमो' नाम दिया है। यह एक घनिष्ठ मित्र की तरह हमारी हर बात को सुनता है और आपकी कही बातों के आधार पर भावनात्मक भाषा और हाव-भाव के साथ जवाब देता है। इतना ही नहीं इसका यांत्रिक सिर भी सहानुभूति के साथ ऊपर और नीचे हिलता-डुलता है। कंपनी का कहना है कि यह रोबोट हमारे खालीपन को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। खासकर उन देशों में जहां बुजुर्ग आबादी ज्यादा है। यह रोबोट स्मार्ट लाइट चालू या बंद करने जैसे कुछ अन्य व्यावहारिक कार्य भी कर सकता है।
अपने डेटा की सुरक्षा
तकनीक में बदलाव के साथ ही अब आखिरकार हमें अपनी गोपनीयता की रक्षा में कुछ मदद मिल रही है। विंस्टन नाम का एक खास बॉकनुमा उपकरण हमारे वाईफाई राउटर और मॉडेम के बीच सेट किए जाते हैं। यह हमारे घर में सभी डिवाइसों के डेटा फुटप्रिंट को कम करने में सक्षम है। यह सिर्फ एक वर्चुअल प्राइवेसी नेटवर्क (VPN) की तुलना में घर में आने और जाने वाले डेटा ट्रैफिक को स्कैन करता है। विंस्टन डेटा स्कैनिंग के जरिए विज्ञापनों को ब्लॉक करने, कुकीज़ को ट्रैक करने, फिल्टर वेबसाइट के 'फिंगरप्रिंट्स' की नकल बनाने से रोकने और हमारे इंटरनेट एड्रेस को ट्रैक करने से आसानी से रोक सकता है। विंस्टन का यह भी दावा है कि यह इंटरनेट की स्पीड बढ़ाता है क्योंकि यह बहुत सारे ऑनलाइन ट्रैकर्स और विज्ञापनों को लोड होने से रोकता है।
अब स्मार्ट होंगे चश्मे भी
एन-रियल नाम के ये स्मार्ट ग्लासेज दिखने में सामान्य धूप के चश्मे जैसे ही दिखते हैं। लेकिन बीजिंग स्थित यह स्टार्टअप कंपनी के इस आरामदायक और हल्के स्मार्टग्लास में सामने की ओर ऑग् मेंटेड रियलिट वाले कैमरे लगे हैं जो कमरे में मौजूद आभासी वस्तुओं का पता लगाने में मदद करते हैं। इसका ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी एंड्रॉइड ऐप के साथ जुड़ जाता है। इतना ही नहीं यह यह स्नैप-इन प्रिस्क्रिप्शन लेंस को भी सपोर्ट करता है। इसे पहनकर आप 52 डिग्री तक देख संवर्धित दृश्य सकते हैं।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2uxxxe2
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.