27 दिसंबर 2019

नए साल पर Google Map के जरिए घूमने का है प्लान तो हो जाएं सावधान

नई दिल्ली: अगर आप गूगल मैप (Google Map) या किसी अन्य जीपीएस सर्विस का इस्तेमाल करके कहीं जा रहे हैं लेकिन मैप आपको गलत रास्ता बता रहा है तो ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें मैप की कोई गलती नहीं है। दरअसल पृथ्वी के बदलते चुंबकीय क्षेत्र की वजह से मैप सही रास्ता भटक गया है जिसकी वजह से आपको गलत रास्ते पर जाना पड़ जाता है। सुनने में जरा अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये सच है कि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र हर साल 55 किमी से ज्यादा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

वर्ल्ड मैग्नेटिक मॉडल ने पाया कि नॉर्थ पोल के खिसकने की मौजूदा रफ्तार लगभग 55 किमी हर साल होती है। हमारे कंपास और Navigation Apps सही से काम करते रहें, इसके लिए वैज्ञानिक वर्ल्ड मैग्नेटिक मॉडल नए अपडेट जारी करते रहते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि पृथ्वी का चुंबकीय उत्तरी ध्रुव खिसक रहा है, ये एक नियमित प्रक्रिया है। हालांकि पिछले कुछ सालों से इसकी रफ्तार में तेजी देखने को मिल रही है। यही वजह है कि Navigation Apps पर इसका कोई प्रभाव न पड़े, इसके लिए वैज्ञानिक हर पांच साल बाद वर्ल्ड मैग्नेटिक मॉडल (डब्ल्यूएमएम) में नए अपडेट जारी करते हैं।

इससे पहले वैज्ञानिकों ने साल 2015 में वर्ल्ड मैग्नेटिक मॉडल को अपडेट किया था। उम्मीद है कि इसका अगला अपडेट साल 2020 में जारी किया जा सकता है। यूएस नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) के मुताबिक, स्मार्टफोन और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां उपभोक्ताओं को सटीक कंपास ऐप, मैप और जीपीएस सेवाएं प्रदान करने के लिए WMM पर निर्भर हैं। बता दें कि अधिकांश फोन में तीन चुंबकीय सेंसर होते हैं और वे नेविगेशन ऐप्स को बताते हैं कि आप किस दिशा में जा रहे है फिर चाहे सीधे जाएं या यू-टर्न लें या फिर बाएं या दाएं जा रहे हैं।



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