नई दिल्ली: वर्ल्ड साइट डे के अवसर पर लाइटिंग में वैश्विक अग्रणी सिग्निफाई (Euronext: LIGHT) (पूर्व में फिलिप्स लाइटिंग से मशहूर) ने भारत में ‘फिलिप्स आईप्रो’ एलईडी बल्ब लॉन्च किया है, जोकि इंटरलेस्ड ऑप्टिक्स से सुसज्जित है। यह नई श्रृंखला पेटेन्टेड इंटरलेस्ड ऑप्टिक्स टेक्नोलॉजी के साथ डिजाइन की गई है जो आँखों को आराम देती है। इसका डिजाइन सूर्यमुखी के बीजों की आकृति से प्रेरित है और सिग्निफाई को ऊर्जा बचाने वाली एलईडी लाइटिंग के अग्रणी नवोन्मेषक के रूप में स्थापित करता है। उत्पाद की विशेषताएं है कि इसमें पेटेन्टेड इंटरलेस्ड ऑप्टिक्स, चकाचौंध को 35 प्रतिशत तक कम करता है और कोई झिलमिलाहट नहीं है। ये 9 और 12 वाट में उपलब्ध है और इसकी कीमत क्रमश: 195 रुपये और 295 रुपये है।
इसकी लॉन्चिंग के दौरान सिग्निफाई इनोवेशंस इंडिया लिमिटेड के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुमित पद्माकर जोशी ने कहा कि हम प्रकृति से प्रेरणा लेते हैं। इंटरलेस्ड ऑप्टिक्स का डिजाइन सूर्यमुखी के बीजों की आकृति जैसा है। इससे चकाचौंध नहीं होती है, वातावरण में प्रकाश एकसमान रहता है, जो ध्यान केन्द्रित करने वाले कामों के लिये उपयुक्त है। जैसे-पढ़ना या लिखना। हम अपने आईप्रो एलईडी लैम्प्स को लॉन्च कर प्रसन्न हैं, जिन्हें आपकी आँखों को आराम देने के लिये डिजाइन किया गया है।
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कंपनी ने भारत के शीर्ष 10 शहरों में 1000 भारतीय वयस्कों और 300 ऑप्थैल्मोलॉजिस्ट्स के बीच किये गये एक शोध के परिणाम हाल ही में जारी किये हैं। यह शोध बताता है कि खराब दृष्टि वाले भारतीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। वयस्कों का एक बड़ा वर्ग (65 प्रतिशत) दावा करता है कि स्वस्थ दृष्टि उनकी तंदुरूस्ती के लिये प्रमुख प्राथमिकता है, जबकि बहुत कम लोग अपनी दृष्टि को सही बनाये रखने के लिये कदम उठाते हैं। अध्ययन यह भी बताता है कि भारतीय प्रतिदिन 14 घंटे कृत्रिम प्रकाश में बिताते हैं, इसलिये प्रकाश की गुणवत्ता आँखों के स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण कारक है।
स्वास्थ्य सम्बंधी इस बढ़ती चिंता से निपटने के लिये डॉक्टर कार्य विशेष के लिये प्रकाश विशेष का चयन करने की सलाह देते हैं, जैसे पढ़ने के लिये सफेद प्रकाश, आराम करते समय पीला प्रकाश, और प्रकाश का स्रोत सही स्थिति में होना चाहिये, खासकर टीवी देखते या पढ़ते समय। पर्याप्त नींद, प्रोटीन से प्रचुर आहार, स्क्रीन पर कम समय बिताना और सक्रिय जीवनशैली से भी वयस्कों की आँखों का स्वास्थ्य लंबे समय तक अच्छा रह सकता है। डॉक्टर आँखों के लिये आरामदेय बल्ब चुनने की सलाह भी देते हैं, बजाए इसके कि सस्ती, बिना ब्राण्ड वाली लाइट ली जाएं, जो आँखों के लिये हानिकारक हों।
शोध के विषय में सभी आंकड़े, यदि अन्यथा न हों, तो हंसा रिसर्च के हैं। टोटल सैम्पल साइज था भारत के 1000 वयस्क और 300 नेत्र रोग विशेषज्ञ। शोध दस शहरों में हुआः नई दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, हैदराबाद, जयपुर, बैंगलोर, चेन्नई, पुणे, कोलकाता और अहमदाबाद। फील्डवर्क मई-जून 2019 में हुआ। एक व्यवस्थित प्रश्नावली के साथ योग्य लोगों के प्रत्यक्ष साक्षात्कार हुए।
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