वीडियो गेम युवाओं में बेहद लोकप्रिय है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब वीडियो गेम टूर्नामेंट में भी वल्र्ड चैम्पियन और करोड़ों रुपए की धनराशि दांव पर लगाई जा रही है। लीग टूर्नामेंट, क्वार्टर, सेमिफाइनल जैसे स्तर से खिलाड़ी जीत की दहलीज तक पहुंच रहे हैं। अच्दे खिलाडिय़ों को वीडियो गेम निर्माता महंगे दामों पर अनुबंध कर अपनी ओर से खेलने के ऑफर भी दे रहे हैं।
अध्ययन ने किया खुलासा
लेकिन हाल ही हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि खेल के दौरान अपमानित किए जाने पर वीडियो गेम के खिलाड़ी खराब प्रदर्शन करते हैं, खासकर तक जब यह अपमान कोई रोबोट करे। कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस शोध में वीडियो गेम प्रतिभागियों को सॉफ्टबैंक के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस एक निजी सहायक रोबोट 'पैपर' के साथ लॉजिक-आधारित खेल खेलने को कहा। खेल के दौरान रोबोट अच्छी चालों पर खिलाडिय़ों का उत्साह बढ़ाने के साथ ही बीच-बीच में उन्हें खराब खेलने के लिए नीचा दिखाने वाले शब्द भी बोल रहा था।
घट गयी खिलाड़ियों की तर्क क्षमता
शोधकर्ताओं ने पाया कि जब पैपर सकारात्मक और तारीफ करने वाले कमेंट्स कर रहा था तो खिलाडिय़ों के बेहतर प्रदर्शन का ग्राफ भी तेजी से ऊपर चढ़ रहा था। लेकिन जब-जब पैपर ने उनका ध्यान भटकाने के लिए अपमानित किया या दुखी करने वाले शब्द बोले खिलाडिय़ों ने कम तर्कसंगत निर्णय लिए। यह शोध इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व के शोधों में यह कहा गया है कि अपमान प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर सकता है। इस साल प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार मारियो कार्ट खेलने वाले तब विचलित हो गए जब उनके विरोधियों ने अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि खिलाडिय़ों ने पैपर के साथ खेले 35 मैचों में खराब प्रदर्शन किया जिसमें रोबोट ने उन्हें असभ्य शब्दों के साथ विचलित करने की कोशिश की थी। सहायक प्रोफेसर फी फैंग ने कहा कि यह मानव रहित अंत:क्रियात्मक रोबोट के साथ मानवीय संबंधों को देखने वाले पहले अध्ययनों में से एक था।
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