जापान के ओकिनावा समुद्र क्षेत्र में टीम ने 75 साल पहले खोए इस पनडुब्बी का पता लगाने के लिए 1400 फीट गहरे पानी में उच्च तकनीक से लैस ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल्स (एयूवी) ड्रोन का इस्तेमाल किया था। जिसकी कीमत करीब 70 लाख रुपए (7 मिलियन डॉलर) है।
[MORE_ADVERTISE1][MORE_ADVERTISE2]ड्रोन ने अपने हाई-डेफिनिशन कैमरे से जो तस्वीरें मौनिटर पर भेजीं उससे साफ जाहिर था कि यह एक यूएसएस-ग्रेबैक सबमरीन है जो समुद्र की तली में स्याह पानी में पड़ी हुई है। टिम ने बताया कि जब ये पनडुब्बी समुद्र की अथाह गहराई में डूबी तब इसमें 80 लोग सवार थे।
[MORE_ADVERTISE3]यह द्वितीय विश्वयुद्ध में अमरीका की सबसे प्रभावशाली पनडुब्बी थी जिसने पानी में भी अमरीका को अजेय बनाने में मदद की थी। अमरीकी नौसेना ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। गौरतलब है कि विश्वयुद्ध के दौरान अमरीका की 52 पनडुब्बियां लापता हो गई थीं। टिम की टीम ने इनमें से एक पनडुब्बी को खोज निकाला थाा। यह पनडुब्बी अपने 10वें लड़ाकू मिशन पर 28 जनवरी, 1944 को पर्ल हार्बर से रवाना हुई थी।
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