नई दिल्ली: Google ने आज पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम के 100वें जन्मदिन पर डूडल (Google Doodle) बनाकर सम्मानित किया है। अमृता प्रीतम का जन्म 31 अगस्त 1919 को पाकिस्तानी पंजाब के गुजरांवाला के मंडी बाहुद्दीन में हुआ था। अमृता प्रीतम ज्यादातर पंजाबी में लिखती थीं और अपनी कविताओं, गद्य व आत्मकथा के लिए काफी मशहूर हैं।
16 साल की उम्र में शुरू हुआ साहित्यिक सफर
अमृता प्रीतम की पहली कविता 16 साल की उम्र में प्रकाशित हुई थी। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए भी काम किया है और साहित्यिक पत्रिका नागमणि का संपादन किया। इतना ही नहीं अमृता प्रीतम को साल 1986 में राज्यसभा के लिए मनोनीत भी किया गया था।
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100 के करीब लिखी किताबें
अमृता प्रीतम ने करीब 100 किताबें लिखी हैं, जिनमें से उनकी चर्चित आत्मकथा 'रसीदी टिकट' है। इसके अलावा 'पिंजर' नाम की भी एक किताब लिखी है, जो आजादी के दौर में महिलाओं की स्थिति के बारे में बताता है। इसी किताब के आधार पर साल 2003 में पिंजर मूवी बनायी गयी थी।
कई पुरस्कार किए अपने नाम
पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम पहली महिला थीं, जिन्हें साल 1956 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके बाद साल 1969 में पद्म श्री से, साल 1981 में साहित्य ज्ञानपीठ पुरस्कार, साल 1987 में डॉक्टर ऑफ लिटरेचर और साल 2004 में अमृता को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा भी कई पुरस्कार अपने नाम कर चुकी थी।
ऐसे हुई थी अमृता की साहिर से मुलाकात
अमृता प्रीतम और साहिर लुधियानवी के प्यार के बारे में काफी कुछ लिखा गया है। इन दोनों की प्रेम कहानी को एक आर्टिकल में लिखना मुश्किल है इसलिए हम आपको इनकी पहली मुलाकात के बारे में बताते हैं। अमृता और साहिर साल 1944 में एक मुशायरे में मिले थे। उस समय अमृता शादी-शुदा थीं, लेकिम उस शाम साहिर की कही नज्मों ने अमृता के दिल को छू लिया था। इस मुलाकात का जिक्र करते हुए अमृता ने लिखा " पता नहीं ये उसके लफ्जों का जादू था या उसकी खामोश निगाह का, लेकिन मैं उससे बंधकर रह गई थी"
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