देशभर की 23 आइआइटी की 11 हजार 279 सीट्स पर एडमिशन के लिए देश के 155 शहरों सहित 6 अन्य देशों में सोमवार को दो पारियों में जेईई एडवांस्ड की परीक्षा आयोजित की गई। एक्सपट्र्स के मुताबिक, फिजिक्स और मैथ्स ने स्टूडेंट्स के पसीने छुड़ा दिए।
इस बार पेपर में चार टाइप के क्वेश्चंस पूछे गए, इनमें सिंगल चॉइस करेक्ट एमसीक्यू, मोर देन वन चॉइस करेक्ट एमसीक्यू, न्यूमेरिकल आंसर बेस्ड क्वेश्चंस और मैट्रिक्स मैच एमसीक्यू शामिल थे। दोनों ही पेपर में 18 क्वेश्चंस सभी सब्जेक्ट्स से पूछे गए। एक्सपर्ट आशीष अरोड़ा के अनुसार, ओवरऑल इस साल मैथ्स और फिजिक्स पिछले तीन सालों के मुकाबले सबसे टफ और लैंदी रही। वहीं कैमिस्ट्री एनसीईआरटी बेस्ड थी, जो काफी आसान रही। इस साल मैथ्स और फिजिक्स डिसाइडिंग फैक्टर रहेगी।
एक्सपर्ट ध्रुव बनर्जी ने बताया कि मैथ्स के 72 परसेंट क्वेश्चंस एडवांस और लॉजिकल से आए, जो काफी टफ थे। एनसीईआरटी से 12 परसेंट क्वेश्चंस और 12 परसेंट ही लैंदी केलकुशन के रहे। फिजिक्स के 59 परसेंट क्वेश्चंस इनोवेटिव थिंकिंग बेस्ड एडवांस और लॉजिकल के रहे, वहीं 13 परसेंट एनसीईआरटी और 25 परसेंट क्वेश्चंस एक्सपेरिमेंटल बेस्ड रहे। वहीं कैमिस्ट्री में 72 परसेंट सीधे एनसीईआरटी से और 16 परसेंट ईजी केलकुलेश व 12 परसेंट क्वेश्चंस एडवांस कॉन्सेप्ट बेस्ड थे।
एनसीईआरटी बेस्ड तैयारी को नहीं मिला फायदा
एक्सपट्र्स ने बताया कि इस साल टफ पेपर के चलते कटऑफ तीन साल में सबसे कम रहेगी। वहीं एनसीईआरटी और पिछले साल के पेपर्स से तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को खास फायदा नहीं हो सका। जिन्होंने फिजिक्स और मैथ्स ओलंपियाड के दोनों स्टेज की तैयारी की है, उन्हें अच्छा फायदा होगा।
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