24 फ़रवरी 2019

आरएसडीसी रबर क्षेत्र के 10 लाख लोगों का कौशल विकास करेगा, बढेंगे रोजगार के अवसर

देश के रबर क्षेत्र में कौशल विकास की दिशा में कार्यरत रबर स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (RSDC) ने क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों को कुशल बनाने के लिए शनिवार को 'समर्थ' के नाम से अभियान शुरू किया। इस अभियान का लक्ष्य भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप रबर क्षेत्र से जुड़े 10 लाख लोगों को कुशल बनाना और उनकी कुशलता को निखारना है।

इस अभियान की औपचारिक शुरुआत करते हुए मोबाइल टायर सर्विस स्किल वैन लॉन्च की गई है। यह स्किल वैन विभिन्न राज्यों के राजमार्गों, गांवों और कस्बों में जाकर टायर सर्विस और मैटेनेंस के क्षेत्र में कौशल विकास की जरूरत को लेकर जागरूकता फैलाते हुए लोगों को सड़क सुरक्षा के लिए प्रोत्साहित कर रही है। जरूरी उपकरणों और कुशल कर्मियों से लैस स्किल वैन टायर फिटर्स को प्रशिक्षित कर रही और उन्हें कुशल बनाते हुए कुशलता का प्रमाणपत्र भी दे रही है।

समर्थ अभियान को समर्थन देते हुए केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'रबर क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करता है और भारत के जीडीपी में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। आरएसडीसी को इस बात का श्रेय जाता है कि उसने इस सेक्टर को गहराई से समझा, कौशल की कमी को जाना और विनिर्माण, रबर प्लांटेशन व टायर सर्विस सेगमेंट में रोजगार का मानकीकरण किया।

आरएसडीसी के चेयरमैन विनोद सिमोन ने कहा, भारतीय राजमार्गों पर हर जगह कार्यरत टायर फिटर्स सड़क परिवहन को सुरक्षित एवं सुगम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टायरों की फिटिंग करना, विशेषरूप से बड़े वाणिज्यिक वाहनों के टायरों की फिटिंग एक कुशल रोजगार है, जिसके लिए पर्याप्त प्रशिक्षण की जरूरत होती है। दुर्भाग्य से टायर फिटर्स का बड़ा वर्ग औपचारिक रूप से प्रशिक्षित नहीं है। इसलिए हमने टायर फिटर्स के कौशल विकास के लक्ष्य के साथ समर्थ अभियान की शुरूआत की है।

आरएसडीसी की सीईओ मेघना मिश्रा ने बताया कि यह प्रशिक्षण प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) की रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) स्कीम के तहत दिया जा रहा है। छह साल के सफर में आरएसडीसी ने लंबी दूरी तय की है। सेक्टर में प्लांटेशन से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग तक हर सेगमेंट के लिए नेशनल ऑक्यूपेशन स्टैंडर्ड (एनओएस) तैयार किया गया है और अब तक एक लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

स्किल गैप को लेकर 20 राज्यों में सर्वेक्षण किया गया है। आरएसडीसी ने 13 राज्य मिशन और 11 विश्वविद्यालयों से गठजोड़ किया है। आरएसडीसी ने रबड़ टेक्नोलॉजी में स्नातक डिग्री की भी शुरूआत की है। आरएसडीसी के साथ 550 प्रमाणित प्रशिक्षक, 350 एसेसर और करीब 150 ट्रेनिंग पार्टनर जुड़े हैं। आरपीएल के तहत आरएसडीसी के काम को देखते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने इस योजना के तहत 10 लाख लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है।



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