नई दिल्ली: ब्लू वेल गेम के बाद बच्चों का दुश्मन बना मोमो चैलेंज। अभी तक इस गेम की वजह से कई बच्चों को अपनी जान गवानी पड़ी है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस गेम की शुरुआत कहा से हुई है और इस गेम को कैसे खेला जाता है। चलिए आज हम आपको विस्तार से इसकी जानकारी देंगे कि आखिर इस गेम में किस तरह के चैलेंज बच्चों को दिए जाते है और गेम के अंत में क्यों प्लेयर को अपनी जान देनी पड़ती है।
रिपोर्ट के मुताबिक मोमो एक सोशल मीडिया अकाउंट है, जिसका विस्तार Facebook , WhatsApp और Youtube तक है। इसमें एक गुड़िया की फोटो है, जिसकी आंखे बड़ी और वो बच्चो को अपनी ओर आकर्षित करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस गुड़िया को एक जापानी आर्टिस्ट ने बनाया है, लेकिन उनका कहना है कि यह गेम से किसी भई तरह से नहीं जुड़ा हुआ है।
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मोमो चैलेंज की शुरुआत सबसे पहले Facebook पर हुई, जहां मोमो चैलेंज को खेलने वाले को एक अनजान व्यक्ति से बात करने के लिए कहा जाता है। इसके बाद Whatsapp के जरिए इस गेम का लिंक प्लेयर को दिया जाता है, जिसके बाद वो गेम खेलना शुरू करता है। इस गेम से पहली मौत अर्जेंटीना में अगस्त में हुई है। रिपोर्ट की माने तो पहले 12 साल की लड़की ने अपने टास्क को फोन पर खेला और फिर सूइसाइड कर लिया।
साइबर एक्सपार्ट्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी मोमो चैलेंज के किसी भी नोटिफिकेशन को स्वीकार न करें। साथ ही ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड बदलने के लिए भी कहा है। साथ ही कहा कि अगर किसी अनजान नंबर से मोमो चैलेंज का इनवाइट आता है तो उस नंबर को ब्लॉक कर दें। साथ ही कहा है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को कहे कि वो मोमो चैलेंज न खेले।
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