01 अप्रैल 2019

12वीं पास युवाओं के लिए ये है शानदार कॅरियर, कमाएं लाखों रुपया महीना

डिजिटाइजेशन के जमाने में युवाओं के लिए कॅरियर के कई नए ऑप्शन्स बन रहे हैं। एसईओ भी इन्हीं में से एक है। एसईओ को इंटरनेट और डिजिटल मार्केटिंग के बिजनेस की रीढ़ माना जाता है जो कंटेंट क्रिएशन, प्रमोशन, सर्च इंजन और सोशल मीडिया के जरिए प्रॉडक्ट को यूजर तक पहुंचाता है। आज सभी छोटी-बड़ी कंपनियां एसईओ पर अनाप-शनाप खर्चा कर रही हैं। जानिए एसईओ क्या है और आप कैसे इसमें अपना कॅरियर बना सकते हैं-

seo क्या है
एसईओ की फुल फॉर्म सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन होती है। किसी भी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए सर्च इंजन का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। एसईओ स्टॉफ के सामने एक ही चुनौती होती है कि उनकी वेबसाइट सर्च इंजन (उदाहरण के लिए गूगल, याहू, बिंग आदि) की सर्चेज में पहले पेज पर रहे। जितना वो इस उद्देश्य में कामयाब होंगे, उतना ही उनका प्रोडक्ट बिकेगा।

वेबसाइट की रैंकिंग
वेबसाइट की रैंकिंग का सीधा प्रभाव इनकम और वैल्यू पर पड़ता है क्योंकि आम तौर पर इंटरनेट यूजर्स गूगल के पहले पेज पर टॉप सर्चेज में आने वेबसाइट को ही चुनते हैं। गूगल अपने यूजर के इच्छित सर्च रिजल्ट्स को दिखाने के लिए लगभग 200 फैक्टर्स को चैक करता है। इन्हीं के आधार पर किसी वेबसाइट या वेब पेज की रैंकिंग तय होती है। इन्हीं फैक्टर्स के आधार पर एसईओ स्टॉफ काम करता है।

ऑन पेज SEO
अच्छा कंटेंट लिखवाया जाए, उसमें पर्याप्त मात्रा में कीवड्र्स (जिन वड्र्स से लोग गूगल में सर्च करते हैं) का प्रयोग हो, गूगल फ्रेंडली यूआरएल हो, इमेज पर कीवड्र्स व कंटेंट की जानकारी हो। इसके बाद उस वेबसाइट को गूगल में लिस्ट करवाना होता है।

ऑफ पेज SEO
दुनिया भर के सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर कंटेंट को प्रमोट करवाना ऑफ पेज एसईओ में आता है। इसके अन्तर्गत वेबसाइट के लिए बुकमार्किंग वेबसाइट पर लिस्टिंग करवानी होती है, दूसरी वेबसाइट्स पर गेस्ट पोस्ट के लिए लिंक बिल्डिंग करनी होती है।

कैसे काम करता है SEO
किसी भी वेबसाइट पर दो तरह से एसईओ किया जाता है- ऑन पेज एसईओ और ऑफ पेज एसईओ। दोनों में ही कंटेंट पर फोकस किया जाता है पर इनमें कुछ बेसिक अंतर हैं-

आवश्यक स्किल्स
किसी भी डिजिटल कंपनी के लिए दो ही चीजें महत्वपूर्ण होती है- पहला कंटेंट और दूसरा एसईओ स्टॉफ। कंटेंट के आधार पर एसईओ स्टाफ वेब पेज को प्रमोट करने के लिए स्ट्रेटेजी बनाता है। इसके लिए बेसिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज आनी चाहिए, अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना चाहिए और कंटेंट की अच्छी समझ हो, उसमें एडिट करने की योग्यता हो।

प्रमुख संस्थान
ऑनलाइन वेबसाइट्स के जरिए आपको एसईओ की बेसिक जानकारी मिल सकती है। ये संस्थान भी कोर्स करवाते हैं-
एलआईपीएस पुणे, मुंबई (www.lipsindia.com)
डिजिटल विद्या, दिल्ली (www.digitalvidya.com)
दिल्ली स्कूल ऑफ डिजिटल मार्केटिंग (https://dsim.in)
सीआईआईएम, चंडीगढ़ (www.ciim.in)

ऑनलाइन कोर्स
इसके अतिरिक्त कुछ ऑनलाइन कोर्सेज भी उपलब्ध हैं जहां आप अपनी सुविधानुसार एसईओ की ट्रेनिंग ले सकते हैं। ये निम्न प्रकार हैं-
udemy.com
coursera.org
lynda.com
moz.com



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