27 सितंबर 2018

New Telecom Policy: इस सेक्टर में कैसे पैदा होंगी 40 लाख नौकरियां, यहां पढें पूरी जानकारी

40 lakh new jobs In The Country भारत के लाखों बेरोजगार युवाओं के लिए इससे बड़ी खबर कोई नहीं हो सकती। मोदी सरकार की नई दूरसंचार नीति से देश के लाखों युवाओं की उम्मीदों को एक रफ्तार मिल गई है। युचाओं को मोदी सरकार की इस नई नीति से एक उम्मीद बंधी है। अब युवाओं की इस उम्मीद को मोदी सरकार पूरा कर पाती है या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल देशभर में इसकी चर्चा जोरों पर है। हर तरफ दूर संसार के क्षेत्र पैदा होने वाली 40 लाख नौकरियों की ही चर्चा है। लोगों के जेहन में कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे सरकार की इसे लेकर क्या योजना है? कैसे मिलेगी नौकरी? किसे मिलेगी नौकरी? इन्हीं सब सवालों के आइनें में उतरती है मोदी सरकार की नई दूरसंचार नीति की सच्ची तस्वीर... जानें यहां इस नीति के तहत पैदा होने वाले रोजगार के बारे में...

गौरतलब है कि राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (National Digital Communication Policy 2018) के तहत 'सभी को ब्रॉडबैंड' मुहैया कराने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। केंद्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा के अनुसार, इस नीति का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक को 50 मेगाबिट्स प्रति सैकंड (MBPS) की गति से सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना और 100 अरब डॉलर के निवेश को आकर्षित करना है। सरकार ने इसका मसौदा इस साल मई में तैयार किया था और दूरसंचार आयोग ने जुलाई में इसे मंजूरी प्रदान की थी। बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद ऐलान किया गया कि इस नीति के अन्य लक्ष्यों के साथ सभी को ब्रॉडबैंड मुहैया कराना तथा 40 लाख नौकरियों का सृजन करना है।

मंत्री ने कहा, नई नीति के तहत देश में 5G सेवाएं साल 2022 तक शुरू होंगी। उन्होंने कहा, 3G और 4G की बस भले ही भारत से छूट गई हो, लेकिन हम 5G की बस नहीं छूटने देंगे। सिन्हा ने कहा, नई नौकरियों के साथ-साथ सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को 50 MBPS गति के साथ ब्रॉडबैंड (Broadband Connectivity) सेवाएं दी जाएं। यही नहीं देश की जीडीपी में सरकार इस क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है। सिन्हा ने कहा, सरकार जीडीपी में दूरसंचार क्षेत्र की हिस्सेदारी पिछले साल के छह फीसदी से बढ़ाकर इस साल आठ फीसदी करना चाहती है। नई नीति से सरकार डिजिटल कम्युनिकेशन के क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश लाना चाहती है। इसके अलावा सरकार का लक्ष्य 2020 तक सभी ग्राम पंचायतों को एक जीबीपीएस गति और 2022 तक 10 जीबीपीएस की कनेक्टिविटी मुहैया कराने की है।

नीति के फायदे और यहां बनेंगे रोजगार के अवसर The benefits of policy and employment opportunities in Telecommunication

- 5जी सेवाएं साल 2022 तक शुरू होंगी
- हर नागरिक को 50 एमबीपीएस गति के साथ ब्रॉडबैंड सेवाएं मिलेगी
- 100 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आने की उम्मीद
- नेशनल फाइबर अथॉरिटी के जरिए नेशनल डिजिटल ग्रिड की स्थापना
- साल 2022 तक 10 जीबीपीएस की कनेक्टिविटी मुहैया कराना।
- नीति का लक्ष्य साल 2020 तक सभी ग्राम पंचायतों को 1 जीबीपीएस (गिगा-बिट्स प्रति सेकेंड) की कनेक्टिविटी मुहैया कराना।
-इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के पारिस्थितिकी तंत्र के पांच अरब डिवाइसों तक विस्तार की योजना।
-वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की 'प्रभावी भागीदारी' को मिलेगा बढ़ावा।

छह साल बाद नई नीति Telecommunication policy

पिछली दूरसंचार नीति 2012 में बनाई गई थी। इसके छह साल बाद सरकार इस क्षेत्र के लिए नई नीति लेकर आई है। खैर, जहां तक इस नीति के तहत रोजगार पैदा होने की बात है, तो योजना बहुत बड़ी है, इस लिहाज इसके क्रियान्वयन में मैन पावर की अत्यधिक जरूरत होगी।



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